रश्मिरथी/प्रथम सर्ग/भाग 1

जय हो’ जग में जले जहाँ भी, नमन पु…
जय हो’ जग में जले जहाँ भी, नमन पु…
अचेतन मृत्ति,अचेतन शिला अचेतन मृत्ति, अ…
◆◆●भारतेंदु हरिश्चंद्र◆◆◆ पूरा नाम- बाब…
मोचीराम कविता सुदामा पांडेय : धूम…
कफ़न : मुंशी प्रेमचन्द झोंप…
आ गए प्रियंवद! केशकंबली! गुफा-गेह! राजा…